सांराश लेखन
पुढील उतारा वाचून न एक तृतीयाश सारांश लेखन करा
पुस्तके म्हणजे आपले मित्र ! प्रत्यक्ष जीवनातील
आपल्याला अधिक
जवळची जास्त चांगली वाटतात. पाहिजे त्यावेळी उपलब्ध
असणासा निःस्वार्थ गुरू म्हणजे पुस्तक त्याना आपल्याकडून
काही मागायचे नसते ना कधी त्याना आपला कटांळा येतो
ना कधि राग म्हत्वाची आणखी एक गोष्ट म्हणजे
पुस्तके आपल्सापासून काही सुद्धा लपवुन ठेवत
नाहीत आपण एकटे असतो त्यावेळी पुस्तके उत्तम
सहकारी वाटतात
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Answer:
जीवन एक पति निर्मल धारा की तरह होता है परंतु यह व्यक्तित्व पर निर्भर करता है कि वह इसमें अपने पवित्र व्यक्तित्व की तरह मिलाएं श्रेष्ठ गुणों का समन्वय करें या परिवेश से ग्रहण किए गए पूरे अप्रसांगिक और व्यक्त विचारों को उसने प्रवाहित करें हम यदि 5 बुराइयों की आहुति दे दे तो यह कर्म का प्राचीन सिद्धांत है कि प्रतिफल में हमें 10 बुरा या प्राप्त होगी विशाल संसार में करोड़ों लोग जब इसी तरह अपने अपने पांच बुरा या अपने जीवन में और अतत: अपने परिवेश में शामिल कर करते जाए तो क्या यह संसार हमारे लिए रहने योग्य शानदार जगह बना रह सकेगा?
इस तरह कि कहीं प्रश्न हमारे मस्तिष्क में उठ रहे हैं हम उन पर विचार भी करते हैं और फिर अपनी अपनी व्यवस्थाओं के कारण इन अहम मुद्दों पर विचार करना भूल जाते हैं आज इस बात की महती आवश्यकता है कि हम अपने जीवन अपने वर्तमान और अपने साथ साथ भावी पीढ़ी के भविष्य से जुड़े इस प्रश्न पर गंभीरता से विचार करें और अपना थोड़ा समय इस संसार को सुंदर आनंद आए और उत्कृष्ट स्थान बनाने का पावन संकल्प करें और अपने उद्देश्य की प्राप्ति में जुट जाए ध्यान रहे कि किसी भी महान लक्ष्य की प्राप्ति का सीधा संबंध हमारे स्वास्थ्य से होता है हम कितनी भी व्यस्त क्यों ना हो हमें प्रात 2 किलोमीटर दौड़ लगानी चाहिए वही आम के पश्चात सुख एवं स्वास्थ्यवर्धक अल्प आहार लेना चाहिए जिसमें कुछ में एक ग्लास दूध सौ ग्राम अंकुरित अनाज एवं 1या 2 मोसंबी फल शामिल हो