Hindi, asked by ayushgour759, 6 months ago

सोर देव सबक भिखारीत्यागे बहुतार्ने
पक्ति में किसके प्रति अनन्यता व्यक्त
की गई है।और देव सब्रेंट विकारी त्यागो बहुत लेने रे पंक्ति में किसके प्रति अनंत या व्यक्त की गई है ​

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Answered by SoulFulKamal
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Answer:

देव

सवैया (अभ्यास)

कवि ने ‘श्रीब्रजदूलह’ किसके लिए प्रयुक्त किया है और उन्हें संसार रूपी मंदिर का दीपक क्यों कहा है?

उत्तर: कवि ने ‘श्रीब्रजदूलह’ का प्रयोग कृष्ण के लिए किया है। जिस तरह एक दीपक पूरे मंदिर को रोशन कर देता है उसी तरह कृष्ण पूरे संसार को रोशन कर देते हैं। इसलिए उन्हें संसार रूपी मंदिर का दीपक कहा गया है।

पहले सवैये में से उन पंक्तियों को छाँटकर लिखिए जिनमें अनुप्रास और रूपक अलंकार का प्रयोग हुआ है?

उत्तर: अनुप्रास अलंकार का प्रयोग निम्न पंक्तियों में हुआ है:

कटि किंकिनि कै धुनि की मधुराई।

साँवरे अंग लसै पट पीत, हिये हुलसै बनमाल सुहाई।

रुपक अलंकार का प्रयोग निम्न पंक्ति में हुआ है:

मंद हँसी मुखचंद जुंहाई, जय जग-मंदिर-दीपक सुन्दर।

निम्नलिखित पंक्तियों का काव्य सौंदर्य स्पष्ट कीजिए:

पाँयनि नूपुर मंजु बजै, कटि किंकिनि कै धुनि की मधुराई।

साँवरे अंग लसै पट पीत, हिये हुलसै बनमाल सुहाई।

उत्तर: इन पंक्तियों में कवि ने श्रृंगार रस का प्रयोग किया है। उन्होंने पायल और कमरघनी से निकलने वाले संगीत की मधुरता का चित्रण किया है। इसके बाद उन्होंने साँवले अंग पर पीले वस्त्रों की शोभा का बखान किया है। साथ में फूलों की माला का बखान भी किया है। इसमें तरह-तरह के अलंकारों का प्रयोग हुआ और तुकबंदी भी अच्छी की गई है।

Explanation:

please Yar make me brainliest and like my 10 answers please

Answered by shagunpawansharma
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Answer:

ayush gore is right ..ok please help me .

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