Social Sciences, asked by nazirpursunil1975, 5 months ago

सारा धन था, बहुत-सी अचल संपत्ति थी।
एक नगर में रहते थे एक सेठ। गरीबदास नाम था उनका, पर वे बिलकुल गरीब न थे। उनके पास
सेठ जी को सब प्रकार का सुख था। उन्हें केवल एक ही दुःख था और यही दुःख सभी सुख
मिट्टी बना रहा था। उनका स्वास्थ्य अच्छा नहीं था। उन्होंने अनगिन बीमारियाँ पाल रखी थीं।
धीरे-धीरे सेठ जी का रोग बहुत अधिक बढ़ गया। बड़े-बड़े डॉक्टरों ने इलाज किया, लेकि
लाभ नहीं हुआ। बड़े-बड़े वैद्य और हकीम भी फेल हो गए। मर्ज़ बढ़ता ही गया ज्यों-ज्यों दवा व
जी और उनका परिवार परेशान। सभी नौकर-चाकर भी दुःखी। मिलने-जुलने वाले लोग भी चिों
ठीक होने का नाम ही नहीं ले रहा था।
निराश होकर सेठ जी ने घोषणा करवाई कि जो उन्हें ठीक करेगा, उसे मुँहमाँगा इनाम दिय
से ललचाकर अनेक डॉक्टर-वैद्य आए। इलाज भी किया, लेकिन सेठ जी की दशा ज्य
रही।
एक दिन सवेरे एक बूढ़े हकीम सेठ जी के पास आए। उनकी नब्ज़ देखी। शरीरपरीक्ष
अलग जाकर नौकर-चाकरों से बातें कीं। रसोइए से भी चुपचाप कुछ पूछा।
अब सेठ जी से पूछने की बारी आई। हकीम जी मुसकराते हुए बोले, “सेठ जी, आप
इनाम write the story withe the helping of this story​

Answers

Answered by abhishekpal44
0

Answer:

इसमें इस कहानी को पढो और जो तुम अपने दोस्तों को इस कहानी के बारे मे बताओगे वही यहाँ लिखो

Answered by kavitarv962
1

Answer:

didn't get your question dude

Explanation:

Plz mark me as brainliest and thank my answers and follow me

Similar questions