सौर विकिरण और पार्थिव विकिरण क्या है।
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पार्थिव विकिरण (Terrestrial Radiation)
भूतल पर स्थित सभी तलों (जल, स्थल तथा हिम) से पृथ्वी के तापमान पर कृष्णिका विकिरण (blackbody radiation) होता है। भू-तल से उत्सर्जित ताप की मात्रा कुल 120 इकाई मानी जाती है। इस सन्दर्भ में यह स्मरणीय है कि वायुमण्डल के पूर्ववर्णित पादप गृह प्रभाव (Green House Effect) के कारण भू तल पर प्राप्त सौर ऊर्जा की अपेक्षा पार्थिव ऊष्मा की इकाइयाँ दुगुनी होती हैं। पार्थिव विकिरण दीर्घ तरंगों में होता है और वायुमण्डल पृथ्वी से बाहर की ओर जाने वाली ऊर्जा का 80-90 प्रतिशत भाग का अवशोषण कर लेता है। जल-वाष्प तथा कार्बन डाइऑक्साइड गैसें प्रमुख रूप से पार्थिव विकिरण का अवशोषण तथा उसका पुनर्विकिरण (re-radiation) करती हैं। पुनर्विकिरण की क्रिया ऊपर तथा नीचे दोनों ओर होती है। जल-वाष्प तथा अन्य गैसों की ऊर्जा-अवशोषण अथवा ऊर्जा-विकिरण क्षमता उनके तापमान पर निर्भर करती है।
वायुमण्डल में उपस्थित मेघों की परतें सम्पूर्ण पार्थिव विकिरण का अवशोषण कर लेती हैं
Answer:
दिन के दौरान, आने वाली सौर किरणों के कारण पृथ्वी गर्म हो जाती है, जिसे पृथक्करण कहा जाता है। रात में, यह गर्मी पृथ्वी की सतहों से वापस अंतरिक्ष में परिलक्षित होती है। अंतरिक्ष में दिन की गर्मी के प्रतिबिंब की इस घटना को पार्थिव विकिरण कहा जाता है।
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