सार्वजनिक क्षेत्र के संगठन का प्रारूप है।
अ.
विभागीय संगठन
ब.
लोक निगम
स.
सरकारी कंपनी
द.
उपर्युक्त सभी
Answers
सही (✓) विकल्प होगा...
✔ द. उपर्युक्त सभी
स्पष्टीकरण ⦂
✎... एक सार्वजनिक क्षेत्र के संगठन के तीन प्रारूप हो सकते हैं। विभागीय संगठन, लोक निगम और सरकारी कंपनी।
विभागीय संगठन सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का सबसे पुराना एवं परंपरागत परंपरागत स्वरूप है। इस प्रारूप में उपक्रम को किसी मंत्रालय के एक विभाग के रूप में स्थापित किया जाता है और मंत्रालय का ही एक भाग फिर उसका विस्तार माना जाता है।
लोक निगम या वैधानिक निगम वो सार्वजनिक उद्यम होता है, जिसकी स्थापना संसद के किसी विशेष अधिनियम के तहत की जाती है। ऐसा उद्यम एक नियमित संगठन होता है, जिसकी स्थापना विधान मंडल द्वारा की जाती है।
सरकारी कंपनी की स्थापना भारतीय कंपनी अधिनियम-2013 के अंतर्गत की जाती है। सरकार की यह कंपनियां होती तो सरकारी कंपनी है, लेकिन इनका पंजीकरण और संचालन निजी कंपनी निजी क्षेत्र की कंपनियों के समान ही होता है। इनके द्वारा कंपनी अधिनियम के प्रावधानों का पूरी तरह पालन किया जाता है। इन सरकारी कंपनी की स्थापना विशुद्ध रूप से व्यवसाय व्यवसाय करने के लिए की जाती है। यह सरकारी कंपनियां निजी कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करती हैं।
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Answer:
(द) उपर्युक्त सभी
Step-by-step explanation:
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