सूर्य के सम्मुख कौन नृत्य कर रहा है ?
Answers
Answer:
sky dance ker ra hai
Explanation:
beacause sky moon friend
Answer:
सूर्य के सम्मुख नृत्य कोई महिला नहीं बादलों की पंक्तियाँ कर रही थी। लेखक रामनरेश त्रिपाठी के अनुसार प्रकृति अपने रंग बिखेर रही थी और सूर्य के सम्मुख वो पल भर में बदल रही थी और एक नया रूप धारण कर रही थी जो की काफी सौंदर्य पूर्ण नजारा था।सूर्य के सम्मुख नृत्य कोई महिला नहीं बादलों की पंक्तियाँ कर रही थी। लेखक रामनरेश त्रिपाठी के अनुसार प्रकृति अपने रंग बिखेर रही थी और सूर्य के सम्मुख वो पल भर में बदल रही थी और एक नया रूप धारण कर रही थी जो की काफी सौंदर्य पूर्ण नजारा था।
Explanation:
सूर्य के सम्मुख नृत्य कोई महिला नहीं बादलों की पंक्तियाँ कर रही थी। लेखक रामनरेश त्रिपाठी के अनुसार प्रकृति अपने रंग बिखेर रही थी और सूर्य के सम्मुख वो पल भर में बदल रही थी और एक नया रूप धारण कर रही थी जो की काफी सौंदर्य पूर्ण नजारा था।सूर्य के सम्मुख नृत्य कोई महिला नहीं बादलों की पंक्तियाँ कर रही थी। लेखक रामनरेश त्रिपाठी के अनुसार प्रकृति अपने रंग बिखेर रही थी और सूर्य के सम्मुख वो पल भर में बदल रही थी और एक नया रूप धारण कर रही थी जो की काफी सौंदर्य पूर्ण नजारा था।
रवि के सम्मुख थिरक रही है नभ में वारिद-माला। प्रकृति हर क्षण यहाँ वेश बदल रही है। ऐसा लगता है कि बादलों की पंक्तियाँ सूरज के सामने नृत्य कर रही है। भाव यह है कि प्रकृति पल-पल बदल रही है।
कवि ने प्रकृति की व्यापकता को फागुन की सुंदरता के रूप से प्रकट किया है। प्रकृति की सुंदरता और व्यापकता फागुन में समा ही नहीं पाती इसलिए वह सब तरफ फूटी पड़ती दिखाई देती है। प्रकृति के माध्यम से परमात्मा की सर्वव्यापकता को कवि ने प्रकट किया है।
इसे सुनेंरोकेंसवाल: सूर्य के सम्मुख कौन नृत्य कर रहा है? लेखक रामनरेश त्रिपाठी के अनुसार सूरज के सामने बादलों की पंक्तियां नृत्य कर रही हैं। वह बताते हैं, कि कैसे प्रकृति हमें आकर्षित करती हैं। उन्होंने प्रकृति में उपस्थित बादलों, पक्षियों, फूलों, आकाश की तारीफ की है।
#SPJ3