सूर्य परसंस्कृत में 2 श्लोक लिखिए अर्थ सहित हिंदी में अर्थ भी लिखिए
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नास्ति विद्यासमो बन्धुर्नास्ति विद्यासमः सुहृत्। नास्ति विद्यासमं वित्तं नास्ति विद्यासमं सुखम्।। भावार्थ: विद्या जैसा कोई मित्र नहीं है, विद्या जैसा कोई मित्र नहीं है, (और) विद्या के समान कोई धन या सुख नहीं है।
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