Hindi, asked by s15307achandini00196, 6 months ago

सूर्य से प्राप्त अक्षयपात्र की क्या विशेषता थी। यक्ष प्रम
से प्राप्त किन्ही पाँच प्रश्न और उत्तर लिखित
in hindi​

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Answered by srikantadutta
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Answer:

जब सूर्य देव ने उन्हें ताम्बे का एक पात्र दिया और कहा कि तुम्हारे पास फल, फूल, शाक आदि चार प्रकार की भोजन सामग्रियां तब तक अक्षय रहेंगीं, जब तक द्रौपदी परोसती रहेगी। कथा के अनुसार जब जबतक द्रौपदी भोजन परोसती थी, पात्र से भोजन समाप्त नहीं होता था इसलिए सबको भोजन देकर ही द्रौपदी भोजन करती थी।

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'महाभारत' में यक्ष-युधिष्ठिर के ये 20 सवाल-जवाब दिमाग़ का बल्ब जला देते हैं!

सुमित

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अप्रैल 20, 2020 06:52 PM

'महाभारत' में यक्ष-युधिष्ठिर के ये 20 सवाल-जवाब दिमाग़ का बल्ब जला देते हैं!

बाएं दूरदर्शन वाले महाभारत से यक्ष और दाएं युधिष्ठिर. इन दोनों लोगों के बीच ताबड़तोड़ रैपिड फ़ायर हुआ था (तस्वीर यूट्यूब)

लॉकडाउन में दूरदर्शन ने पुराने संदूक का ताला खोला और देशभर में रामायण-महाभारत के टीवी सीरियल का पुराना दौर लौट आया. अब बच्चे घरों में ‘तात’ और ‘माते’ बोलकर चिल कर रहे हैं. लेकिन आने वाले वक़्त में क्या होगा, ये अब भी ‘यक्ष प्रश्न’ है. अक्सर लोग उन सवालों को ‘यक्ष प्रश्न’ कह देते हैं, जिनका जवाब बड़ा मुश्किल होता है. लेकिन ये यक्ष प्रश्न टर्म आया कहां से?

महाभारत के ‘वन पर्व’ से. इसी अध्याय में युधिष्ठिर और यक्ष के बीच रैपिड फ़ायर सवाल-जवाब हुए थे. महाभारत में लिखा है कि अगर युधिष्ठिर यक्ष के सवालों का जवाब न देते, तो लाइफ़ एंड डेथ वाला मामला हो जाता.

कहानी ये है कि अपने अज्ञातवास में पांडवों को लगी प्यास. पानी लाने भेजा गया पहले छोटे भाइयों को. वो लौटकर नहीं आए. फिर बारी-बारी से अर्जुन और भीम जाकर नहीं लौटे. तब युधिष्ठिर गए और देखा कि सारे भाई एक तालाब के पास मरे पड़े हैं. पता चला कि तालाब एक यक्ष का है और पानी पीने से पहले उसके सवालों का जवाब देना होगा.

युधिष्ठिर और यक्ष के बीच सवाल-जवाब को ‘यक्ष-युधिष्ठिर संवाद’ भी कहते हैं. बीआर चोपड़ा वाले ‘महाभारत’ में, जो दूरदर्शन पर आ रहा है, कुछ ही सवाल दिखाए हैं. हम आपके लिए महाभारत के ‘वन पर्व’ से 20 सवाल-जवाब लेकर आए हैं.

#1

यक्ष: पृथ्वी से भी भारी क्या है? आकाश से भी ऊंचा क्या है?

युधिष्ठिर: माता पृथ्वी से भी भारी है. पिता आकाश से भी ऊंचा है.

#2

यक्ष: हवा से भी तेज चलने वाला क्या है? तिनकों से भी ज्यादा असंख्य क्या है?

युधिष्ठिर: मन हवा से भी तेज चलने वाला है. चिंता तिनकों से भी ज्यादा असंख्य होती है.

#3

यक्ष: रोगी का मित्र कौन है? मृत्यु के समीप व्यक्ति का मित्र कौन है?

युधिष्ठिर: वैद्य रोगी का मित्र है. मृत्यु के समीप व्यक्ति का मित्र है दान.

#4

यक्ष: यश का मुख्य स्थान क्या है? सुख का मुख्य स्थान क्या है?

युधिष्ठिर: यश का मुख्य स्थान दान है. सुख का मुख्य स्थान शील है.

#5

यक्ष: धन्य पुरुषों में उत्तम गुण क्या है? मनुष्य का परम आश्रय क्या है?

युधिष्ठिर: धन्य पुरुषों में उत्तम गुण है कार्य-कुशलता. दान मनुष्य का परम आश्रय है.

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