Hindi, asked by shameembegam85, 6 months ago

सूर्योदय: शब्द किस संधि का उदाहरण है दीर्घ
गुण
विसर्ग
कोई नहीं

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Answers

Answered by Shubhendu8898
86

Answer:

गुण  संधि

Explanation:

सूर्योदय में गुण  संधि  है।  

स्पस्टीकरण:- सूर्योदय का संधि विच्छेद   होगा ,

सूर्योदय = सूर्य + उदय (अ  + उ )

यदि अ  या  आ  के बाद  यदि कोई इ -ई  , उ - ऊ , ऋ  तो दोनों  को   मिलाकर क्रमशः ए , ओ  तथा अर् हो जाता  है।  इस संधि को गुण संधि संधि कहते है।

जैसे -

सुरेंद्र = सुर + इन्द्र  (अ + इ = ए )

राजेंद्र = राजा + इन्द्र  (आ  + इ = ए )

राकेश = राका + ईश (आ  + ई  = ए )

परोपकार = पर + उपकार  (अ + उ  = ओ )

महोत्सव = महा + उत्सव  (आ  + उ  = ओ )

संधि के ५ भेद होते है।  

१) दीर्घ संधि

) गुण  संधि

३) वृद्धि संधि

४) यण् संधि

५) अयादि संधि


Glorious31: Really Helpful !
Answered by Anonymous
560

Answer:

उत्तर :-

सूर्योदय:

  • संधि का प्रकार - गुण संधि
  • संधि - सूर्य+उदय

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अधिक जानकारी :-

संधि

” दो वर्णों के मेल से जो परिवर्तन या विकार होता है, उसे संधि कहते है। “

संधि के प्रकार

  • ➲ स्वर संधि
  • ➲ व्यंजन संधि
  • ➲ विसर्ग संधि

स्वर संधि - जहाँ स्वर के बाद स्वर के आने से जो विकार उत्पन्न हो, वहाँ स्वर सन्धि होता है।

यह 5 प्रकार का होता है

  • ➠ दीर्घ स्वर सन्धि
  • ➠ गुण
  • ➠ वृद्धि
  • ➠ यण
  • ➠ अयदि

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❶ दीर्घ सन्धि –

नियम-यदि ह्रस्व या दीर्घ स्वर अ, इ, उ, ऋ/ल के बाद क्रमश: ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ, ऋ/ल आएँ तो दोनों के मिलने से क्रमश: दीर्घ आ, ई, ऊ, औ, ऋ हो जाते हैं;

उदाहरण:

  • ➠ सत्य + अर्थ = सत्यार्थ
  • ➠ देव + आलय = देवालय
  • ➠ गिरि + ईश = गिरीश

❷ गुण सन्धि –

नियम -यदि अ अथवा आ के पश्चात् ह्रस्व या दीर्घ इ, उ, ऋ एवं ल आ जाएँ तो उनके स्थान पर क्रमशः ए, ओ, अर् तथा अल् हो जाता है;

उदाहरण:

  • ➠ तथा + इति = तथेति
  • ➠ महा + उत्सव = महोत्सव
  • ➠ सुर्य + उदय = सूर्योदय

❸ वृद्धि संधि

नियम -जब संधि करते समय जब अ , आ  के साथ  ए , ऐ  हो तो ‘ ऐ ‘ बनता है और जब अ , आ  के साथ ओ , औ हो तो ‘ औ ‘ बनता है।

उदाहरण:

  • ➠ एक + एक : एकैक (अ + ए = ऐ)
  • ➠ मत + एक्य : मतैक्य (अ + ए = ऐ)
  • ➠ जल + ओघ : जलौघ (अ + ओ = औ)

❹ यण सन्धि –

नियम-यदि ह्रस्व या दीर्घ इ, उ, ऋ तथा लु के बाद कोई असमान स्वर आ जाए तो इ-ई का य्, उ-ऊ का व् और ऋ का र् तथा लु का ल हो जाता है। (जिस व्यंजन में ये स्वर संयुक्त होंगे वह इन स्वरों के निकल जाने पर हलन्त हो जाएगा);

उदाहरण:

  • ➠ अति + आचार = अत्याचार
  • ➠ सू + आगतम् = स्वागतम
  • ➠ इति + आदि = इत्यादि

❺ अयादि सन्धि –

नियम-यदि ए, ओ, ऐ, औ के बाद कोई भी स्वर आए तो ए का अय्, ओ का अव, ऐ का आय तथा औ का आव् हो जाता है;

उदाहरण:

  • ➠ भो + अन : भवन (ओ + अ =अव)
  • ➠ पो + इत्र : पवित्र (ओ + इ = आव)
  • ➠ ने + अन : नयन (ए + अ = अय)

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व्यंजन संधि – जहां व्यंजन के बाद व्यंजन या स्वर के आ जाने से जो विकार उत्पन्न हो, उसे व्यन्जन सन्धि कहते हैं।

इसके निम्न नियम होते हैं।

  • ➲ वर्ग के तीसरे वर्ण का नियम
  • ➲ वर्ग के 5वे वर्ण का नियम
  • ➲ त सम्बन्धी नियम
  • ➲ छ सम्बन्धी नियम
  • ➲ त संबंधी दूसरा नियम
  • ➲ म् संबंधित नियम
  • ➲ ष संबंधी नियम

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विसर्ग संधि – विसर्ग से पहले या बाद मे ‘अ’ अथवा सभी वर्ग का 3, 4, 5वा वर्ण हो या फिर य, र, ल, व, ह मे से कोई हो तब, “ओ” का विसर्ग हो जाता है।

विसर्ग सन्धि के भी निम्न नियम हैं।

  • ➲ र का विसर्ग नियम
  • ➲ र् का विसर्ग
  • ➲ र संबंधी दूसरा नियम
  • ➲ श, ष, स का विसर्ग हो जाना
  • ➲ संधि परिवर्तनहीन रहना

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