'सिरचन भावनाओं से परिपूर्ण व्यक्ति था' इस विषय में अपने विचार लिखिए।
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आपको पता होगा कि सिर्चन एक बुनकर था तो सिर्फ भावनाओं से परिपूर्ण व्यक्ति था मतलब सिर्फ चन के आगे कोई भी अपनी कुछ व्यथा सुनाता था तो वह भावुक हो जाओ ता होता ता था भावनाओं से परिपूर्ण मतलब उसके अंदर बहुत सारे भाव भरे थे वह किसी को भी दुख में नहीं देख सकता था और शंकर को आप जानते हैं कि वह एक एक धागे को मिलाकर एक कपड़े को बोल देता है और वह बहुत ही भावुक इंसान था यह किस कक्षा का क्वेश्चन है हमें बता दीजिए धन्यवाद शब्दों में इसका जवाब दिए हैं अगर यह आपका जवाब है तो हमें बना दीजिए
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सिरचन भावनाओं से परिपूर्ण व्यक्ति है। वह एक उच्चकोटि का कलाकार है। चिक, शीतलपाटी आदि बनाने में पूरे क्षेत्र में उसका कोई सानी नहीं है। लेखक का परिवार, विशेष रूप से उनकी माँ का सिरचन बहुत आदर करता है। लेखक की माँ भी सिरचन की कला का सम्मान करती है। शायद इसीलिए लेखक की चाची उससे जली-भुनी रहती है। भावुक होने के कारण सिरचन को किसी के द्वारा टोका जाना तनिक भी बर्दाश्त नहीं होता। इसीलिए चाची के बुरा-भला कहने पर वह नाराज होकर काम अधूरा छोड़कर चला जाता है।परंतु सिरचन जानता है कि चिक, शीतलपाटी आदि सभी चीजों के लिए मानू के अफसर पति ने फरमाइश की थी। उसे मानू से स्नेह था। अतः नाराज होने के बावजूद वह मानू के लिए वे सारी चीजें बनाता है और इतनी सुंदर कि लेखक भी उसकी कारीगरी देखकर दंग रह जाता है। सिरचन स्वयं उन्हें लेकर स्टेशन आता है। मानू जब माँ द्वारा कही गई मोहर छापवाली धोती का दाम सिरचन को देना चाहती है तो वह दोनों हाथ जोड़कर मना कर देता है।