सूरज बड़ा आग का गोला - सा व्यो मालूम
पड़ला है ?
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जागरण संवाददाता, इटावा : शनिवार को सूर्यदेव की तेज तपिश से आसमान से आग ही बरसी इससे पूर्वाह्न से अपराह्न के मध्य सड़कों पर चलना दुश्वार हो गया। इस दौरान अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। आवागमन करने वाले सारा तन ढकने के बावजूद जलन से व्याकुल नजर आए। जिसे देखो वही गला तर करने के लिए शीतल पेय तलाश रहा था। इस बार मौसम में थोड़े-थोड़े अंतराल पर परिवर्तन होने से जनमानस आहत है।
चार दिन मौसम सामान्य रहने के बाद फिर से भीषण गर्मी का हो गया, सुबह से ही सूर्यदेव की तपिश से वातावरण में गर्मी बढ़ने लगी। हवा बंद होने के दौरान अधिकतर लोग तपिश और उमस से त्राहिमाम-त्राहिमाम करते नजर आए। सार्वजनिक स्थानों पर लोगों का बुरा हाल था। हवा चलने पर लू से लोगों का जीना दुश्वार बना हुआ था। रेलवे स्टेशन पर अधिकतर ट्रेनें तीन से चार घंटे लेट होने से प्रतीक्षारत यात्रियों का बुरा हाल था। छायादार वृक्षों तले भी राहत नहीं मिल रही थी, कई वाटर कूलर शो-पीस साबित हो रहे हैं। कमोवेश यही हाल बस स्टेशन पर यात्रियों का था, आसमान तले खुले में खड़ी बसे किसी आग का शोला से कम नहीं थी। इनमें सवार यात्रियों का बुरा हाल था अधिकतर यात्रियों को पानी के लिए भटकते देखा गया। दोपहर से शाम पांच बजे तक शहर की सड़कों पर सन्नाटा सा ही पसरा रहा। सूर्य अस्त होने के बाद ही चहल-पहल हुई।