सूरज हमें क्या-क्या सिखाते हैं
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सूरज हमें दिशा दिशा में घूम कर यह भी बताता है कि वह कभी थकता नहीं है और अपने कर्म को नित्य करता ही रहता है चाहे कुछ भी हो जाए जैसे कि वह सुबह से शाम तक अपनी खेती बदलकर भी हमें रोशनी प्रदान करता ही रहता है¡
उगता सूरज देखकर ही जिंदगी में एक सकारात्मक सोच आती है कि हमारी जिंदगी का भी सूर्योदय होगा और फिर से हमें एक दिन मिला है जिने के लिए। और जब सूर्योदय होता है तब वो उतना गर्म भी नहीं होता , एक सुकून होता है उसके प्रकाश में ।
दोपहर को सूर्य की गर्मी बढ़ने लगती है अगर इसे जिवन से देखते हैं तो ये बिलकुल हमारी युवा अवस्था जैसा है, यही समय होता है महेनत का।
सूर्यास्त हमें ये सिखाता है कि एक अंत होता है सब चीजों का पर कुछ अंत जरूरी है नयी शुरूआत के लिए। और सूर्यास्त ये भी सिखाता है कि आज भले ही अंत हो चुका है पर नयी शरूआत हो सकती है, फिर से एक और बार।
सूर्य की वजह से ही चांदनी मिलती है हमें , चंद्र की शितलता सूर्य की गर्म किरणों का ही दूसरा रूप है ।
सूर्य अन्नदाता भी है और जिवनदाता भी । सभी का जिवन उन्हीं की देन है। उसी लिए तो संस्कृत में उसका एक नाम मित्र भी है।सूर्य परोपकारी है और मानवता के लिए वरदान है।
अगर हमें सूर्य की तरह बनना हो तो पहले उसकी तरह जलना सिखना होगा।
Answer:
सूरज हमे निरन्तर चलना सिखाता है सूरज हमे परोपकार करना भी सिखाता है