सूरज की अपार ऊर्जा का स्रोत क्या है वर्णन कीजिए आंसर इन हिंदी
Answers
सूरज की अपार ऊर्जा का स्रोत क्या है वर्णन कीजिए :
सूरज की अपार ऊर्जा का स्रोत नाभिकीय संलयन प्रक्रिया है।
व्याख्या :
नाभिकयी संलयन प्रक्रिया वह नाभिकीय प्रक्रिया है, जिसमें दो परमाणु के हल्के नाभिक संगठित होकर एक बड़े भारी नाभिक का निर्माण करते है। इस नाभिकीय संलयन प्रक्रिया में अत्याधिक मात्रा में ऊर्जा का उत्सर्जन होता है। सूर्य में नाभिकीय संलयन प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है और अपार ऊर्जा का उत्सर्जन होता रहता है।
सूरज की सतह हाइड्रोजन, कार्बन, ऑक्सीजन, हीलियम और सल्फर से बनी है। इसकी 74% हिस्सा हाइड्रोजन तथा 24%हीलियम है। सूर्य की सतह पर घटित नाभिकीय संलयन की प्रक्रिया में दो हाइड्रोजन के नाभिक मिलकर पहले ड्यूटीरियम का नाभिक बनाते हैं और दो ड्यूटीरियम के नाभिक मिलकर एक हीलियम का नाभिक बनाते है। इस तरह सूर्य में उपस्थित हाइड्रोजन निरंतर हीलियम में परिवर्तित होता रहता है और अपार ऊर्जा का उत्सर्जन होता रहता है। यही नाभिकीय संलयन प्रक्रिया सूरज की अपार ऊर्जा का एकमात्र स्रोत है।