सूरज की किरणें आती हैं,
सारी कलियाँ खिल जाती हैं,
अंधकार सब खो जाता है,
सब जग सुन्दर हो जाता है
चिड़ियाँ गाती हैं मिलजुल कर,
बहते हैं उनके मीठे स्वर,
ठंडी-ठंडी हवा सुहानी,
चलती है जैसी मस्तानी
ये प्रातः की सुख बेला है,
धरती का सुख अलबेला है,
नई ताज़गी नई कहानी,
नया जोश पाते हैं प्राणी
खो देते हैं आलस सारा,
और काम लगता है प्यारा,
सुबह भली लगती है उनको,
मेहनत प्यारी लगती जिनको
मेहनत सबसे अच्छा गुण है
आलस बहुत बड़ा दुर्गुण है
अगर सुबह भी अलसा जाए
तो क्या जग सुन्दर हो पाए. भाव अर्थ लिखिए।।।।no spamping ........or all answer will be reported
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संदर्भ ⁝ श्रीप्रसाद द्वारा लिखित ‘सुबह’ नामक बाल कविता की इन पंक्तियों का भावार्थ इस प्रकार है।
भावार्थ ⁝
कवि कहता है कि सुबह-सुबह सूरज की किरणें जब चारों तरफ बिखर जाती हैं तो फूलों की सारी कलियां खिल जाती है। सब जगह से अंधकार दूर हो जाता है और यह संसार प्रकाशित होकर बेहद सुंदर हो जाता है। चारों तरफ चिड़िया चहचहाने लगती हैं। वे मीठे-मीठे स्वर में कूकने लगती हैं। चारों तरफ ठंडी-ठंडी हवा चलने लगती है। सुबह का वातावरण बताइए बड़ा ही मनमोहक होता है। इसमें नई ताजगी का एहसास होता है। हमारा सारा आलस्य खत्म हो जाता है और हमको यह सुबह बड़ी प्यारी लगती है। ये हमारे सारे दुर्गुणों को दूर करके सद्गुणों को लाती है।
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- खो देते हैं आलस सारा,
- और काम लगता है प्यारा,
- सुबह भली लगती है उनको,
- मेहनत प्यारी लगती जिनको
Explanation:
kho dete han alok sara
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