Hindi, asked by hussaindar37, 19 days ago

सूरज दादा का जन्मादन की एक दिन जंगल के पशु-पक्षियों एवं पेड़-पौधों ने सूरज दादा का जन्मदिन मनाने की बात सोची। उन्होंने उनका जन्मदिन कैसे मनाया, इस पाठ में पढ़ो। सूर्योदय होने वाला था। पूर्व दिशा से सूरज की किरणें आ गई थीं। वे बादलों से बोली, “कल हमारे सूरज दादा का जन्मदिन है।" बादलों ने यह बात हवा को बताई। हवा ने यह बात पेड़-पौधों को बताई। फिर हवा दौड़ी-दौड़ी जंगल के राजा शेर के पास पहुंची और बोली, “हे वनराज! क्या आप जानते हैं कि कल सूरज दादा का जन्मदिन है। हमें उनका जन्मदिन शानदार ढंग से मनाना चाहिए। "हाँ-हाँ, हम उनका जन्मदिन धूमधाम से मनाएँगे।"-शेर ने उत्तर दिया। हवा बोली, “पर एक समस्या है। सूरज दादा तो पृथ्वी पर आते नहीं, फिर हम उन्हें अपनी शुभकामनाएँ कैसे देंगे?" 'यदि वे पृथ्वी पर नहीं आते, तो क्या हुआ? उनकी किरणें तो रोज़ यहाँ आती हैं। हम अपनी शुभकामनाएँ उन्हीं के हाथ भेजेंगे।"-शेर बोला। हवा प्रसन्न होकर सबको यह समाचार देने के लिए चल दी।​

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Answered by patildhanraj594
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Answer:

bhai isme kya kar a hai bataona

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