Social Sciences, asked by amarchand4115, 1 year ago

सूरजमल ने फिरोज शाह कोटली पर कब्जा कब किया?

Answers

Answered by neeraj3137
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Explanation:

what is the answer???????

Answered by yattipankaj20
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Answer:

मई १७५३ में महाराजा सूरजमल ने फिरोजशाह कोटला पर कब्जा कर लिया।

Explanation:

प्रश्न के अनुसार ,

महाराजा सूरजमल (१७०७-१७६३) भरतपुर राज्य के दूरदर्शी महाराजा थे। उनके पिता बदन सिंह ने डीग को सबसे पहले अपनी राजधानी बनाया और बाद में सूरजमल ने भरतपुर शहर की स्थापना की। सूरजमल ने सन् १७३३ में खेमकरण सोगरिया की फतहगढी पर आक्रमण किया और विजय प्राप्त कर यहाँ १७४३ में भरतपुर नगर की नींव रखी जो सन् १७५३ से उनका निवास हुआ।

* महाराजा सूरजमल राजनीतिकुशल, दूरदर्शी, सुन्दर, सुडौल और स्वस्थ थे। उन्होने जयपुर के महाराजा जयसिंह से भी दोस्ती बना ली थी। २१ सितम्बर १७४३ को जयसिंह की मौत हो गई और उसके तुरन्त बाद उसके बेटों ईश्वरी सिंह और माधोसिंह में गद्दी के लिये झगड़ा हुआ। महाराजा सूरजमल बड़े बेटे ईश्वरी सिंह के पक्ष में थे जबकि उदयपुर के महाराणा जगत सिंह माधोसिंह के पक्ष में थे। बाद में जहाजपुर में दोनों भाईयों में युद्ध हुआ और मार्च १७४७ में ईश्वरी सिंह की जीत हुई। एक साल बाद मई १७४८ में पेशवाओं ने ईश्वरी सिंह पर दबाव डाला कि वो माधो सिंह को चार परगना सौंप दे। फिर मराठे, सिसोदिया, राठौड़ वगैरा सात राजाओं की फौजें माधोसिंह के साथ हो गई और ईश्वरीसिंह अकेला पड़ गया मई १७५३ में महाराजा सूरजमल ने फिरोजशाह कोटला पर कब्जा कर लिया। दिल्ली के नवाब गाजी-उद-दीन ने फिर मराठों को सूरजमल के खिलाफ भड़काया और फिर मराठों ने जनवरी १७५४ से मई १७५४ तक भरतपुर जिले में सूरजमल के कुम्हेर किले को घेरे रखा। मराठे किले पर कब्जा नहीं पर पाए और उस लड़ाई में मल्हार राव का बेटा खांडे राव होल्कर मारा गया। मराठों ने सूरजमल की जान लेने की ठान ली थी पर महारानी किशोरी ने सिंधियाओं की मदद से मराठाओं और सूरजमल में संधि करवा दी।

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