सुरक्षात्मक भेदभाव से आप क्या समझते हैं
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Answer:सुरक्षात्मक भेदभाव द्वारा राज्य जानबूझकर कुछ विशेष समूहों को जैसे जाति, धर्म, लिंग और स्थानिक स्थिति के आधार पर विशेषाधिकार देता है। रक्षात्मक भेदभाव के सिद्धान्त को आरक्षण, उलट भेदभाव, सकारात्मक कार्रवाई तथा विशिष्ट बरताव इत्यादि नामों से भी जाना जाता है।
सुरक्षात्मक भेदभाव किसी भी सरकार द्वारा बनाई गई उस नीति से होता है, इसमें कोई राज्य जानबूझकर अपने सभी नागरिकों के साथ कुछ निश्चित मापदंडों के आधार पर भेदभाव करता है।
व्याख्या :
सुरक्षात्मक भेदभाव करने का मुख्य उद्देश्य यह होता है कि समाज के कमजोर और वंचित वर्ग के लोगों के हितों की रक्षा की जा सके। यह भेदभाव उन लोगों के हितों और बचाव के लिए किया जाता है, जो समाज में शोषित वंचित हैं, जो समाज में पिछड़ गए हैं। जिनको पूर्व समय में या वर्तमान समय में भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे लोगों को सभी लोगों के साथ समान स्तर पर लाने के लिए अन्य सामान्य लोगों के साथ सुरक्षात्मक भेदभाव किया जाता है।
सरल अर्थों में कहें तो यह राज्य द्वारा उठाए गए सकारात्मक कदम होते हैं, जिन्हे समाज कल्याण या जनकल्याण का नाम दिया जाता है। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों के अन्य सामान्य वर्ग के साथ लाना है। इसलिए सामान्य वर्ग के लोगों के साथ कुछ मानदंडों के आधार पर भेदभाव करना पड़ता है।