(स) रमैया बिन यो जिबडो दुख पावै।
कहो कुण धीर बंधावै।।
राम-नाम की निंदिया
ठाण,
करम ही करम कमाये।
राम-नाम बिन मुकति न पावै.
फिर चौरामी जाये।।
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कहो कुण धीर बंधावै ॥ यो ... राम-नाम बिन मुकति न पावै, फिर चौरासी जावै।
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