Hindi, asked by rashida78637, 5 months ago

सौरमण्डलस्य परिभाष sanskrit me​

Answers

Answered by EPITHAP
8

सौरमण्डलस्य

भारतीय काव्याचार्यों ने रसों की संख्या प्राय: नौ ही मानी है जिनमें से हास्य रस प्रमुख रस है।

जैसे जिह्वा के आस्वाद के छह रस प्रसिद्ध हैं उसी प्रकार हृदय के आस्वाद के नौ रस प्रसिद्ध हैं। जिह्वा के आस्वाद को लौकिक आनंद की कोटि में रखा गया है क्योंकि उसका सीधा संबंध लौकिक वस्तुओं से है।

Answered by Ipsitsingharoy
3

Explanation:

hjfgzxhhdjfitifududududyd

Similar questions