Sociology, asked by kesharsingh74755, 9 months ago

सारणी का अर्थ एवं परिभाषा बताइए एवं सारणी के लाभ एवं सीमाएं बताइए​

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Answered by shivsingh170
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Answer:

एक निर्धारित उद्देश्य को सामने रखकर संबंधित आंकड़ों को कॉलम तथा पंक्तियों के रूप में प्रस्तुत करने को सारणी कहते है। सारणी आंकड़ों को सरल संक्षिप्त और व्यवस्थित रूप से प्रस्तुत करती है। ज्यों आप निम्नलिखित सूचना को सारणीबद्ध कर सकते हैं?

‘‘एक विद्यालय में 50 विज्ञान के, 50 कला के और 50 वाणिज्य विषय के विद्याथ्र्ाी है। सभी पाठ्यक्रमों में निम्नआय वर्ग से आने वाले विद्यार्थियों की संख्या समान है तथा इनकी कुल संख्या 30 है। यद्यपि उच्च आय वर्ग में आने वाले विद्यार्थियों की संख्या वाणिज्य तथा विज्ञान विषय में समान है परन्तु कला विषय में इनकी संख्या दुगुनी है। कुल मिलाकर उच्च आय वर्ग से आने वाले विद्यार्थियों की संख्या 40 है। मध्य आय वर्ग से आने वाले विद्यार्थियों की संख्या विज्ञान तथा वाणिज्य में समान है परंतु कला विषय में इनकी संख्या 20 है। मध्य आय वर्ग से आने वाले विद्याथ्र्ाी की कुल संख्या 80 है। आइये इन सूचनाओं को सारणीबद्ध करते है। देखिए सारणी सभी पाठ्यक्रमों में विद्यार्थियों की संख्या 150 है।

विद्यार्थियों का पाठ्यक्रम व आर्थिक स्थिति के आधार पर वितरण

वर्ग विज्ञान कला वाणिज्य योग

उच्च आय वर्ग 10 20 10 40

मध्य आय वर्ग 30 20 30 80

निम्न आय वर्ग 10 10 10 30

योग 50 50 50 150

उद्देश्य

एक सारणी का उद्देश्य आंकड़ों को सरल ढंग से प्रस्तुत करना होता है। ताकि इच्छित सूचनाओं का आसानी से पता चल सके। उदाहरण के लिये सारणी का उद्देश्य यह बताना है कि 1995-96 में देश । ने अन्य देशों के साथ कितना आयात व निर्यात किया।

सारणी 5.3.2

1995-96 में देश । का आयात व निर्यात

(करोड़ रू.)

देश आयात निर्यात

1. B 80 70

2. C 65 70

3. D 40 42

4. E 10 8

पंक्ति में दिये गये आंकड़े को हम बायें से दायें पढ़ते हैं। जैसे पंक्ति 1 में देश । का देश B से आयात (80) तथा निर्यात (70) दिखाया गया है। कालम को हम ऊपर से नीचे पढ़ते है। जैसे कालम 2 में देश । का देश B, C, D तथा E से आयात क्रमश: 80, 65, 40 तथा 10 है।

सारणी के प्रकार

सारणी दो प्रकार की होती है :(1) सामान्य उद्देश्य सारणी तथा (2) विशिष्ट उद्देश्य सारणी।

Answered by Antra1234
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Answer:

आवर्त सारणी (अथवा, तत्वों की आवर्त सारणी) रासायनिक तत्वों को उनकी संगत विशेषताओं के साथ एक सारणी के रूप में दर्शाने की एक व्यवस्था है। आवर्त सारणी में रासायनिक तत्त्व परमाणु क्रमांक के बढ़ते क्रम में सजाये गये हैं तथा आवर्त (पिरियड), प्राथमिक समूह, द्वितीयक समूह में वर्गीकृत किया गया है। वर्तमान आवर्त सारणी मैं ११८ ज्ञात तत्व सम्मिलित हैं। सबसे पहले रूसी रसायन-शास्त्री मेंडलीफ (सही उच्चारण- मेन्देलेयेव) ने सन १८६९ में आवर्त नियम प्रस्तुत किया और तत्वों को एक सारणी के रूप में प्रस्तुत किया। इसके कुछ महीनों बाद जर्मन वैज्ञानिक लोथर मेयर (1830-1895) ने भी स्वतन्त्र रूप से आवर्त सारणी का निर्माण किया। मेन्देलेयेव की सारणी से अल्फ्रेड वर्नर (Alfred Werner) ने आवर्त सारणी का वर्तमान स्वरूप निर्मित किया। सन १९५२ में कोस्टा रिका के वैज्ञानिक गिल चावेरी (scientist Gil Chaverri ) ने आवर्त सारणी का एक नया रूप प्रस्तुत किया जो तत्वों के इलेक्ट्रानिक संरचना पर आधारित था।

रसायन शास्त्रियों के लिये आवर्त सारणी अत्यन्त महत्वपूर्ण एवं उपयोगी है। इसके कारण कम तत्वों के गुणधर्मों को ही याद रखने से काम चल जाता है क्योंकि आवर्त सारणी में किसी समूह (उर्ध्वाधर पंक्ति) या किसी आवर्त (क्षैतिज पंक्ति) में गुणधर्म एक निश्चित क्रम से एवं तर्कसम्मत तरीके से बदलते हैं। नीचे आवर्त सारणी का आधुनिक रूप दिखाया गया है जिसमें १८ वर्ग तथा ७ आवर्त हैं-

Explanation:

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