सोरठा:
* बार बार कह राउ सुमुखि सुलोचनि पिकवचनि।
कारन मोहि सुनाउ गजगामिनि निज कोप कर।।25।।
भावार्थ:-राजा बार-बार कह रहे हैं- हे सुमुखी! हे सुलोचनी! हे कोकिलबयनी! हे गजगामिनी! मुझे अपने
क्रोध का कारण तो सुना।।25।। Bhav Saundarya vah Kavya Saundarya likhiye
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Explanation:बार बार कह राउ सुमुखि सुलोचनि पिकवचनि।
कारन मोहि सुनाउ गजगामिनि निज कोप कर।।25।।
भावार्थ:-राजा बार-बार कह रहे हैं- हे सुमुखी! हे सुलोचनी! हे कोकिलबयनी! हे गजगामिनी! मुझे अपने
क्रोध का कारण तो सुना।।25।। Bhav Saundarya vah Kavya Saundarya likhiye sir I have been u want it is helpful for ye khali kar rahe the best way of our country to country in a molecule is a molecule is this the best for you to the patienhe I don't
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