सूरदास जी की कविता हमारे प्रभु अवगुण चित ना धरो लिखिए।
please please answer I will mark your brainliest and give thanks.......❤️
Answers
Answered by
4
Answer:
हमारे प्रभु, औगुन चित न धरौ।
समदरसी है नाम तुहारौ, सोई पार करौ॥
इक लोहा पूजा में राखत, इक घर बधिक परौ।
सो दुबिधा पारस नहिं जानत, कंचन करत खरौ॥
इक नदिया इक नार कहावत, मैलौ नीर भरौ।
जब मिलि गए तब एक-वरन ह्वै, सुरसरि नाम परौ॥
तन माया, ज्यौ ब्रह्म कहावत, सूर सु मिलि बिगरौ।
कै इनकौ निरधार कीजियै कै प्रन जात टरौ॥
Explanation:
Hope it helps.....Now plzz mark me as a brainiest......
Answered by
3
Answer:
I hope it will help u.
I hope t will help yo
i
Attachments:
Similar questions