सूरदास के अनुसार सौ कल्प जीने की आवश्यकता क्यों नहीं हैं
Answers
Answered by
2
Answer:
jgdrhkkkkkjhhmklllkk
Answered by
6
Answer:
सूरदास के अनुसार ईश्वर समदर्शी हैं, वह भेदभाव करना नहीं जानते। इस संसार के भले एवं बुरे दोनों ही प्रकार के प्राणियों का उन्होंने उद्धार किया है। एक ओर उन्होंने रावण का वध किया तो दूसरी ओर रावण के भाई विभीषण को राजा बना दिया। निर्धन सुदामा को अपनी बराबरी का दर्जा प्रदान किया व राजसी ठाट-बाट प्रदान किया। अजामिल जैसे अधम एवं पापी का उद्धार ईंश्वर ने किया। कुब्जा को मुक्ति भगवान कृष्ण के कारण ही मिल सकी। इस संसार के समस्त अच्छे एवं बुरों का उद्धार प्रभु ने किया है। इसमें किसी प्रकार का भेदभाव ईश्वर ने नहीं किया अत: वह समदर्शी हैं।
Similar questions