Hindi, asked by omp544912, 1 year ago

सूरदास की भाव पक्ष की विशेषताओ का उल्लेख कीजिए?

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Answered by MavisRee
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साहित्य में दो पक्ष हैं एक कला पक्ष दूसरा भाव  पक्ष -यहाँ सूरदास के भाव पक्ष की विशेषता यह है कि उन्होंने कृष्ण भक्ति का वर्णन किया है Iलेकिन उनका भाव हर हमेशा  एक बच्चे की चंचलता कि ओर जाता है I वे एक भक्त कवि हैं जिसमे वात्सल्य रस कि प्रधानता है I जैसे  उन्होंने श्री कृष्ण के बालपन का वर्णन किया है वैसा अन्यत्र दुर्लभ है  

जैसे -

श्री कृष्ण अपनी माता से शिकायत कर रहे हैं  

-" मैंया मोरी दाऊ बहुत खिझायो I

मोंसों कहत मोल को लीनो,तोहे जसुमति कब जायो II

गोर ननद ,जसोदा गोरी तुम्कत श्याम शरीर I

चुटकी दै-दै हंसत ग्वाल सब ,सीखे दैत बलबीर II

तू मोहि को मारन सीखी ,दाउहीं कबहूँ खीझे I

मोहन की मुख रिस समेत लखि,जसोमति सुनि-सुनि रीझें II

सुनहूँ कान्हा बलभद्र चबाई ,जनमत ही को धूतI

सूर श्याम मोहि गोधन की सौं,मैं माता तू पूत II

एक बच्चा अपनी माँ से शिकायत कर रहे हैं की बलदाऊ मुझे बहुत चिढाते हैं I बार बार कहते हैं  की तुझे जसोदा मैया ने जन्म नहीं दिया I  वे दोनों तो गोरे हैं तू काला कैसे हो गया I उनकी इन बात को सुनकर सारे ग्वाल-बाल चुटकी बजाकर हँसते हैं और तुमने भी मुझे ही मारना सिखा है बलदाऊ को कुछ भी नहीं कहती I इसपर माता जसोदा उसे बहलाकर कहती हैं कि बलराम तो जन्म से धूर्त हैं ,मैं गैयों की कसम खाके कहती हूँ मैं  माता हूँ और तू पुत्र है I

इसमें कवि का भाव पक्ष ये है कि वे इश्वर की महत्ता को एक साधारण अबोध बालक की तरह प्रस्तुत करते हैं Iबालक का चपल चित होना जितना स्वाभाविक है उससे बढ़कर कवि ने वर्णन किया है जिनकी आँखें नहीं हैं Iअब इससे बड़ा उद्धरण क्या होगा I

Answered by jhariyadurgesh2017
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Explanation:

surdas surdas ke bhav paksh aur Kala paksh

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