Hindi, asked by yashhanda9504, 8 months ago

सूरदास को किस बात का दुःख था ? उसके मन में कौन कौनसे सपनें थे जो झोपड़ा जलने से टूट गए ?

Answers

Answered by shishir303
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सूरदास को इस बात का दुख था कि वह अपनी अभिलाषायें पूरी नहीं कर पाया। भैरों द्वारा उसकी झोपड़ी जला देने के कारण उसकी सारी अभिलाषायें जैसे उसकी झोपड़ी में जल गई थीं।

सूरदास एक अंधा भिखारी था और भीख मांग कर अपना जीवन यापन करता था। उसने पाई-पाई जोड़ कर कुछ पूँजी संचित की थी। उसकी कुल संपत्ति में उसकी एक छोटी सी झोपड़ी, जमीन का एक छोटा सा टुकड़ा और उसके द्वारा संचित कुछ पूंजी थी। यही उसके जीवन के आधार थे।

जमीन का टुकड़ा उसके किसी काम का नहीं था। उस पर जानवर चरा करते थे। उसे परवाह नहीं थी। झोपड़ी जल गई इसका भी उसे इतना दुख नहीं हुआ क्योंकि झोपड़ी को दुबारा बनाया जा सकता था। लेकिन झोपड़ी में रखी उसकी जीवन भर की संचित पूंजी जल गई इस बात का उसे बेहद दुख हुआ। इसी पूंजी के सहारे उसने बहुत सारी अभिलाषायें पाल रखी थीं। वह गाँव वालों के लिए एक कुआँ बनाना चाहता था। वह अपने पुत्र की शादी करना चाहता था तथा उसे अपने पितरों के लिए पिंडदान भी करना था।

चूँकि अब उसके द्वारा संचित पूंजी जल चुकी थी तो वह अब अपनी कोई भी अभिलाषा पूरी नहीं कर सकता था। इसी कारण से इस बात का दुख था कि झोपड़ी के साथ उसकी सारी अभिलाषायें ही जलकर राख हो गईं।

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