सूरदास की काव्य भाषा की दो प्रमुख विशेषताएं बताइए?
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2) भावपक्ष
1) कलापक्ष
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भावपक्ष
महाकवि सूरदास का 'सूरसागर' वास्तव में रस का महासागर है। इसमें भावों की विविधता और अनेक रूपता के सहज दर्शन होते हैं। मानव ह्रदय की गहराइयों में डूबने वाले कवि से यही आशा और अपेक्षा भी होती है
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- सूरदास की काव्य भाषा की दो प्रमुख विशेषताएं
- ब्रज भाषा में रचना करने वाले कवियों में से एक महत्वपूर्ण कवि हैं भक्त-कवि सूरदास जिनके काव्य में श्रृंगार और वात्सल्य रस की प्रचुरता देखने को मिलती है। पेश है कुछ ऐसे ही चुनिंदा वात्सल्यपूर्ण पद जिनमें आपको ब्रज भाषा की मिठास महसूस होगी।
- सूरदास पुष्टि मार्ग के भक्त थे, उनकी भक्ति सखा भाव की है। सूरदास का काव्य ब्रज प्रदेश की सुन्दर प्रकृति के आकर्षक चित्रों से युक्त है। प्रकृति के आलम्बन, उद्दीपन रूपों की सुन्दर झाँकी सूरदास के काव्य में मिलती है। इस प्रकार भाव योजना की दृष्टि से सूरदास का काव्य पर्याप्त आकर्षक प्रभावशाली और उच्चकोटि का था।
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