Hindi, asked by viceorg678, 1 month ago

सूरदास के पद जो आपकी पुस्तक में न हो 3 पद अर्थ सहित लिखिए​

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Answered by kalonishreya
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Explanation:

तेरैं लाल मेरौ माखन खायौ।

दुपहर दिवस जानि घर सूनो ढ़ूँढ़ि ढँढ़ोरि आपही आयौ।

खोलि किवारि, पैठि मंदिर मैं, दूध दही सब सखनि खवायौ।

ऊखल चढ़ि, सींके कौ लीन्हौ, अनभावत भुइँ मैं ढ़रकायौ।

दिन प्रति हानि होति गोरस की, यह ढ़ोटा कौनैं ढ़ँग लायौ।

सूर स्याम कौं हटकि न राखै तैं ही पूत अनोखौ जायौ।

सूरदास के पद कविता का सारांश- Surdas Ke Pad Meaning in Hindi: यहां महाकवि सूरदास जी के दो पद दिए गए हैं। दोनों ही पद श्रीकृष्ण की बाललीलाओं पर केंद्रित हैं। इनकी भाषा बड़ी ही सरल, प्यारी और मंत्रमुग्ध कर देने वाली है।

प्रथम पद में सूरदास जी श्रीकृष्ण के बालपन के एक किस्से के बारे में बता रहे हैं। जब यशोदा माँ कान्हा को दूध पिलाने के लिए ये कह देती हैं कि इससे उनकी चोटी बलराम जितनी लंबी और मोटी हो जाएगी। मगर काफी दिन दूध पीने के बाद भी कान्हा को अपनी चोटी छोटी ही दिखती है। तब वो यशोदा माँ से इस बारे में पूछने लगते हैं।

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