Hindi, asked by yatishpant8, 10 months ago

सूरदास के पद के आधार पर बच्चों के प्रति समाज में किए जाने वाले व्यवहार की विवेचना कीजिए।

Answers

Answered by gunjanlohani8943
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Answer:

dont know plz tell the correct answer

Answered by bharattiwariepatrika
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सूरदास के पद पाठ में कवि सूरदास ने बाल कृष्ण की अद्भुत लीलाओं, गोपियों की शिकायत व उनका कृष्ण के प्रति व्यवहार का बेहतर चित्रण किया है। इन पदों के आधार पर उन्होंने समाज में बच्चों के प्रति किए जाने वाले व्यवहार को भी बताया है। उन्होंने बताया कि जिस प्रकार श्रीकृष्ण बालपन में अपनी शरारतों के बाद भी सभी के चहेते थे, ठीक उसी प्रकार समाज में बच्चों की स्थिति होती है। बच्चों को समाज में नादान व समझा जाता है और उनकी गलतियों को नादानी मानकर माफ कर दिया जाता है और उन्हें बहुत प्यार मिलता है। इतना ही पाठ में यह भी बताया गया है कि बच्चों द्वारा की जाने वाले शरारतें समाज में लोगों को कुछ समय के लिए बुरी लगती है और वह उनके परिजनों से शिकायत भी करते हैं, लेकिन कहीं ना कहीं बच्चों की शरारते समाज में लोगों अच्छी लगती है। ऐसे में शिकायत करने के बाद भी लोग परिजनों को यही संदेश देते हैं कि आपका बच्चा शरारती है, लेकिन बहुत अच्छा है। आप उसे समझाएं, लेकिन डांट-फटकार नहीं करें। यदि बच्चे समाज में शरारत करना बंद कर दें तो समाज से एक तरह की खुशियां चली जाएंगी। ऐसे में सूरदास जी ने इस पाठ में बच्चों के प्रति समाज में किए जाने वाले व्यवहार का बेहतर चित्रण किया है।

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