सूरदास के पदों के आधार पर गोपियों की विरह दशा के चित्रण कीजिए 3000 वर्ड में
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¿ सूरदास के पदों के आधार पर गोपियों की विरह दशा के चित्रण कीजिए ?
➲ सूरदास के पदों में गोपियों की विरह दशा का सूरदास जी ने बड़ा सजीव चित्रण किया है। गोपियों श्रीकृष्ण के प्रेम में मगन थी और श्री कृष्ण जब मथुरा चले वृंदावन छोड़कर मथुरा चले गए तो वह श्री कृष्ण के प्रेम की विरह में जलने लगीं, क्योंकि श्री कृष्ण उन्हें वापस आने का वचन तो लेकर गए थे, लेकिन वह वापस नहीं आए। उनके विरह की दशा तब और बढ़ गई जब श्री कृष्ण ने उन्हें योग और ज्ञान का उपदेश देने के लिए अपने दूत उद्धव जी को उनके पास भेजा। इस बात ने उनके विरह दशा में आग में घी डालने वाला काम किया। श्री कृष्ण के प्रेम में वह स्वयं को इस हद तक मगन किए हुए थीं कि वह सिर्फ उन्हें श्री कृष्ण के अलावा कुछ नहीं सूझता था। उन्होने उद्धव जी योग और ज्ञान के उपदेश ठुकराते हुए उन्हें उलाहने दिया कहा कि वे अपने योग एवं ज्ञान का उपदेश अपने पास ही रखें। इस तरह सूरदास ने गोपियों की विरह दशा का वर्णन किया है।
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