Hindi, asked by Moumitadas86, 4 months ago

सूरदास के पद की व्याख्या अपने शब्दी में लिखिए ? for class 8

Answers

Answered by adarshpratapsingh367
1

Answer:

प्रीति नदी मैं पाउँ न बोरयौ, दृष्टि न रूप परागी।

'सूरदास' अबला हम भोरी, गुर चाँटी ज्यौं पागी। ... इसके रचयिता अनन्य कृष्ण भक्त कवि सूरदास जी हैं। इस पद में गोपियां कृष्ण-सखा उद्धव को व्यंग करते हुए कहती हैं कि वह बड़ा भाग्यवान है ,जो प्रेम के फेर में नहीं पड़ा अन्यथा उसे भी प्रेम की व्यथा को उन्हीं की भांति सहना पड़ता।

Explanation:

hope this will help you out ❤❤⚡⚡⚡

Similar questions