Hindi, asked by ashishmourya2508, 1 month ago

सूरदास के पद में किस रस की प्रधानता है?​

Answers

Answered by Anonymous
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Answer:

सूरदास के पदों में श्रृंगार और वात्सल्य रस की प्रधानता है। परन्तु इन पदों में गोपियों का विरह का वर्णन है इसलिए इनमें वियोग श्रृंगार रस की प्रधानता है। सूरदास के काव्य में गेयता का गुण विद्यमान है। सूरदास को श्रृंगार और वात्सल्य का सम्राट कहा जाता है ।

Answered by parmanandyadavjkn
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Explanation:

 \\ सूरदास \:  के पदों \:  में  \: श्रृंगार  \\  \\ और \:  वात्सल्य \:  रस \:  \:  की  \: प्रधानता  है।  \\ परन्तु  \: इन   पदों  \: में  \: गोपियों  \: का  \: विरह  \: का  \: वर्णन है  \\  \\ इसलिए  इनमें  वियोग  श्रृंगार  रस  की   प्रधानता है। \\  \\  सूरदास के काव्य में  गेयता  का गुण  विद्यमान है।  \\  \\ सूरदास  को  श्रृंगार  और  वात्सल्य \\  \\  का सम्राट  कहा  जाता है ।

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