सूरदास के पदों में संकलित पदों में भक्ति के किस रूप को प्रतिष्ठित किया गया है
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baad m milti ho zoom pr Hi byy. jiii
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अट नहीं रही है कविता में निराला जी ने फागुन की प्राकृतिक शोभा का एक शब्द चित्र प्रस्तुत किया है कभी प्रकृति प्रेमी प्रकृतिक सौंदर्य के प्रति कवि मैं अत्यंत लगाव है इस कविता में भी कभी फागुन की शोभा से चकित और मुग्ध दिखाई देता है उसे लगता है कि फागुन की वासंती शोभा के लिए धरती छोटी पड़ गई है वह उसमें समा नहीं पा रही है कवि इस विराट और विविध स्वरूपों वाले प्रकृति सौंदर्य से अत्यंत प्रभावित है आज की नगर प्रधान जीवन शैली में हमारे लिए प्रकृति के मन मोहक दॄश्य दुर्लभ हो गए हैं प्रकृति के साथ मनुष्य का संबंध आर्थिक स्वाशोर् को पूरा करने के लिए है
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