सूरदास के दूसरे पद में श्रृंगार , करुण या भक्ति में से कौन सा रस है ? ( class 10 )
Answers
Answered by
0
Answer:
Hello! सूरदास के पदों में श्रृंगार और वात्सल्य रस की प्रधानता है। परन्तु इन पदों में गोपियों का विरह का वर्णन है इसलिए इनमें वियोग श्रृंगार रस की प्रधानता है।
Explanation:
please mark brilliant Answer
Answered by
1
Answer:
प्रस्तुत दोहे के एक से अधिक अर्थ हैं। एक अर्थ के आधार पर इसे भक्ति रस का दोहा माना जाता है तथा दूसरे अर्थ के आधार पर श्रृंगार रस का। भक्ति रस का स्थायी भाव है—देव विषयक रति तथा शृंगार रस का स्थायी
Similar questions