सूरदास का वात्सल्य वर्णन हिंदी साहित्य में अद्वितीय है समीक्षा कीजिए
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महाकवि सूरदास ने वात्सल्य भाव का वर्णन अत्यंत मार्मिकता एवं गंभीरता से किया है। उनके इस वर्णन में कवि की गहन अनुभूति दिखाई देती है। ... आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के मतानुसार - '' सूरदास बाल - हृदय का कोना - कोना झांक आए हैं। ” उन्होंने अपनी बंद आँखों से जो वात्सल्य वर्णन किया है। वह अद्वितीय है।
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सूर का वात्सल्य - वर्णन हिन्दी - साहित्य के क्षेत्र में सर्वथा अनुपम एवं अद्वितीय है। आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के मतानुसार - '' सूरदास बाल - हृदय का कोना - कोना झांक आए हैं। ” उन्होंने अपनी बंद आँखों से जो वात्सल्य वर्णन किया है। वह अद्वितीय है। ... सूर के इन चित्रों में विविधता है।
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