सूरदास ने निर्गुण की अपेक्षा संग उनको श्रेयष्कर इसलिए माना है कि निर्गुण तो रूपरेखा जाति से रहित होता है अतः उसके कोई आधार नहीं होता है जबकि संघ उनका आधार होता है
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उत्तर: सूरदास ने निर्गुण की अपेक्षा सगुण को श्रेयस्कर इसलिए माना है कि निर्गुण तो रूप रेख गुन जाति से रहित होता है अतः उसका कोई आधार नहीं होता है जबकि सगुण का आधार होता है।
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