Hindi, asked by bhumikav420, 8 months ago

"सुरदास पद' सूरदास की किस पुस्तक
से लिए गए हैं।
सरियलहरी
सुरसारावली

राधा रसलेटी
सूरसारावली​

Answers

Answered by priyanshusingh2007
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Explanation:

सूरदास जी द्वारा लिखित पाँच ग्रन्थ बताए जाते हैं:

(१) सूरसागर - जो सूरदास की प्रसिद्ध रचना है। जिसमें सवा लाख पद संग्रहित थे। किंतु अब सात-आठ हजार पद ही मिलते हैं।

(२) सूरसारावली

(३) साहित्य-लहरी - जिसमें उनके कूट पद संकलित हैं।

(४) नल-दमयन्ती

(५) ब्याहलो

(६) '''''पद संग्रह' दुर्लभ पद 7-/gramar geet

उपरोक्त में अन्तिम दो अप्राप्य हैं।

नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा प्रकाशित हस्तलिखित पुस्तकों की विवरण तालिका में सूरदास के १६ ग्रन्थों का उल्लेख है। इनमें सूरसागर, सूरसारावली, साहित्य लहरी, नल-दमयन्ती, ब्याहलो के अतिरिक्त दशमस्कंध टीका, नागलीला, भागवत्, गोवर्धन लीला, सूरपचीसी, सूरसागर सार, प्राणप्यारी, आदि ग्रन्थ सम्मिलित हैं। इनमें प्रारम्भ के तीन ग्रंथ ही महत्त्वपूर्ण समझे जाते हैं, साहित्य लहरी की प्राप्त प्रति में बहुत प्रक्षिप्तांश जुड़े हुए हैं।

साहित्य लहरी, सूरसागर, सूर की सारावली।

श्रीकृष्ण जी की बाल-छवि पर लेखनी अनुपम चली।।

सूरसागर का मुख्य वर्ण्य विषय श्री कृष्ण की लीलाओं का गान रहा है।

सूरसारावली में कवि ने जिन कृष्ण विषयक कथात्मक और सेवा परक पदों का गान किया उन्ही के सार रूप में उन्होंने सारावली की रचना की है।

सहित्यलहरी मैं सूर के दृष्टिकूट पद संकलित हैं।

Answered by abhisingh2652
1

Explanation:

"सुरदास पद' सूरदास की किस पुस्तक

से लिए गए हैं।

सुरसारावली

सूरदास द्वारा लिखे गए पांच ग्रंथ बताए जाते हैं सूर सागर, सूर सारावली, साहित्य लहरी, नल-दमयन्ती और ब्याहलो।

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