'सूरदास वात्सल्य रस सम्राट थे।' पद के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
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Answer. सूरदास जी को वात्सल्य रस का सम्राट इसलिए कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने अपनी रचनाओं में वात्सल्य प्रधान भावों का बड़ी तन्मयता से प्रयोग किया है। उन्होंने यशोदा और कृष्ण के बीच ममता एवं वात्सल्य का बड़ी मुखरता से मर्मस्पर्शी वर्णन किया है। उन्होंने श्रंगार एवं शांत रस का बड़ी सूझबूझ से प्रयोग किया है।
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Explanation:
हॉ सूरदास जी वासल्य रस सम्राट थे। उनके दोहे और पक्तियों मे वात्सल रस की भरमार मिलती है ।
लेकिन किस पद का स्पष्टीकरण करना है।
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