संस्कार और भावना (एकांकी संचय) से ५.‘हाँ, बहुत भोली माता जी! बहुत प्यारी। जो एक बार देख लेता है, वह फिर उसी रूप को नहीं भुला सकता। बार- बार देखने को मन करता है।’ 1. उपर्युक्त पंक्तियों में किसके बारे में बात की जा रही है? उसके व्यक्तित्व एवं चरित्र की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
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