Hindi, asked by adi068, 10 hours ago

संस्कार और भावना पाठ के आधार पर सनकांती काल की माँ के चरित्र को उजागर करते हुए जातिवाद जैसी बुराई पर अपने विचार प्रकट किजीए ।​

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Answered by manisharanikularan
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Answer:

माँ संक्रांति काल की एक वृद्धा , भारतीय तथा हिन्दू नारी है। वह एक भारतीय मध्यमवर्गीय परिवार की माँ है और अपने पुराने संस्कारों से बद्‌ध है। ... इसी कारण माँ अपने बड़े बेटे अविनाश के अंतर्जातीय विवाह को स्वीकार नहीं करती है। इसके कारण वह अपने बेटे से भी रिश्ता तोड़ देती है पर उसे इस बात का हमेशा दुःख रहता है।

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