संस्कृते अनुवादं कुरुत।
(संस्कृत में अनुवाद कीजिए।) (Translate into Sanskrit.)
क. गुरु की कृपा के बिना हमारा अज्ञानतारूपी अंधकार दूर नहीं हो सकता है।
ख.
चेतनाशून्य मनुष्य मृत समान है।
सभी छात्र सावधान होकर सुनें।
माता-पिता तथा गुरु आदरणीय होते हैं।
ङ. शुद्ध चेतना ही शुद्ध ज्ञान होती है।
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bgfjtxigcuxigcixjvxih. ihcic jhf
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vbvfjjh
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