India Languages, asked by gaitreegaitree2, 5 days ago

संस्कृत भाषा से ली गई किन्हीं 10 सूक्तियों का संकलन कीजिए।​

Answers

Answered by adityadey578
2

Answer:

अप्रियस्य च पथ्यस्य वक्ता श्रोता च दुर्लभ: (वाल्मीकि रामायण 6.16.21)

अर्थ– अप्रिय किंतु परिणाम में हितकर हो ऐसी बात कहने और सुनने वाले दुर्लभ होते हैं।

2. 'अतिथि देवो भव' (तैत्तिरीयोपनिषद् 1/11/12)

अर्थ– अतिथि देव स्वरूप होता है।

3. 'अर्थो हि कन्या परकीय एव।' (अभि.शाकुन्तलम्)

अर्थ– कन्या वस्तुत: पराई वस्तु है।

4. 'अहिंसा परमो धर्म:।' (महाभारत-अनुशासनपर्व)

अर्थ– अहिंसा परम धर्म है।

5. 'अहो दुरंता बलवद्विरोधिता।' (किरातार्जुनीयम् 1/23)

अर्थ– बलवान् के साथ किया गया वैर-विरोध होना अनिष्ट अंत है।

यह भी जानें : संस्कृत में गिनती 1 से 100 तक

6. 'आचार परमो धर्मः।' (मनुस्मृति 01/108)

अर्थ– आचार ही परम धर्म है।

7. असतो मा सद्गमय तमसो मा ज्योतिर्गमय। (बृहदारण्यक-1.3.28)

अर्थ– मुझे असत् से सत् की ओर ले जायें, अंधकार से प्रकार की ओर ले जायें।

8. ''ईशावास्यमिदं सर्वं'' (ईशावास्योपनिषद्-मंत्र 1)

अर्थ– संपूर्ण जगत् के कण-कण में ईश्वर व्याप्त है।

9. उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत (कठोपनिषद्)

अर्थ– हे मनुष्य! उठो, जागो और श्रेष्ठ महापुरुषों को पाकर उनके द्वारा परब्रह्म परमेश्वर को जान लो।

10. किमिव हि मधुराणां मण्डनं नाकृतीनाम् (अभिज्ञान शाकुन्तलम् 1/20)

अर्थ– सुन्दर आकृतियों के लिए क्या वस्तु अलंकार नहीं होती है।

11. क्षणे क्षणे यन्नवतामुपैति तदेव रूपं रमणीयतायाः। (शिशुपालवधम् 4/17)

अर्थ– जो प्रत्येक क्षण नवीनता को धारण करता है वही रमणीयता का स्वरूप है।

12. जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी।

अर्थ– माता-जन्मभूमि और स्वर्ग से भी बड़ी होती है।

13. जीवेम शरद: शतम्। (यजुर्वेद 36/24)

अर्थ– हम सौ वर्ष तक देखने वाले और जीवित रहने वाले हों।

14. तमसो मा ज्योतिर्गमय। (बृहदारण्यक 1.3.28)

अर्थ– अंधकार से प्रकाश की ओर तथा मृत्यु से अमृत की ओर ले जायें।

15. तेजसां हि न वयः समीक्ष्यते। (रघुवंशम् 11/1)

अर्थ– तेजस्वी पुरुषों की आयु नहीं देखी जाती है।

16. दीर्घसूत्री विनश्यति। (महाभारत शान्तिपर्व 137/1)

अर्थ– प्रत्येक कार्य में अनावश्यक विलंब करने वाला नष्ट होता है।

Similar questions