संस्कृत में अनुवाद कीजिए? आत्मा मरती नही है।
आत्मा को अग्नि जला नही सकती।
तुम्हारा कर्म में ही अधिकार है।
फल की इच्छा मत करो ||
यह योगेश्वर कृष्ण है।
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to mai kya karu mar nhi rhi to
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भोपाल। भारत की सनातन संस्कृति में श्रीमद्भगवद्गीता न केवल पूज्य बल्कि अनुकरणीय भी है। इस ग्रंथ में उल्लिखित उपदेश इसके 18 अध्यायों में लगभग 720 श्लोकों में हैं। श्रीमद्भगवद्गीता दुनिया के वैसे श्रेष्ठ ग्रंथों में है, जो न केवल सबसे ज्यादा पढ़ी जाती है, बल्कि कही और सुनी भी जाती है। कहते हैं जीवन के हर पहलू को गीता से जोड़कर व्याख्या की जा सकती है। भोपाल के जाने माने ज्योतिषाचार्य और राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान में प्रोफेसर प्रद्युम्न पाठक ने गीता के 5 ऐसे श्लोकों का महत्त्व बताया जो हर मनुष्य का जीवन बदल सकते हैं। आइए हम आपको बताते हैं इन श्लोकों का मतलब...
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