संस्कृत में contemporary artists of Gujarat and chhattisgarh के बारे में लिखें केवल दोनों राज्यों के कलाकारों का चित्र चिपकाए और नाम लिखें
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रायपुर. राज्य सरकार का प्रतिष्ठित संस्कृत सम्मान अब दूधाधारी मठ के ब्रहमलीन महंत वैष्णव दास महाराज के नाम पर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को दूधाधारी मठ में इसकी घोषणा की। संस्कृत भाषा के विकास में योगदान के लिए राज्य सरकार हर साल किसी व्यक्ति अथवा संस्था संस्कृत सम्मान प्रदान करती है।
ब्रहमलीन महंत वैष्णव दास की पूण्यतिथि पर आयोजित दूधाधारी मठ महोत्सव के समापन समारोह में पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रामकथा का श्रवण किया और रामचरित मानस की आरती में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने कहा, छत्तीसगढ़ मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्री राम की ननिहाल है। यह माता कौशल्या की भूमि है। छत्तीसगढ़ में भांजे को प्रणाम किया जाता है, क्योंकि हम उनमें भगवान श्री राम की छवि देखते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, भगवान राम ने वनवास के समय छत्तीसगढ़ में काफी समय बिताया था। विद्वानों ने कोरिया से सुकमा-कोण्टा तक राम वनगमन मार्ग के स्थलों की पहचान की है। इन स्थानों को चिन्हित कर धार्मिक पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने शिवरीनारायण को विशेष रूप से विकसित किया जाएगा। यहां शबरी ने भगवान राम को जूठे बेर खिलाए थे। दूधाधारी मठ के महंत राम सुंदर दास ने कहा, मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ की संस्कृति और तीज-त्योहारों को प्रोत्साहित करके अच्छा काम कर रहे हैं। आयोजन में उद्योग एवं आबकारी मंत्री कवासी लखमा, दूधाधारी मठ के वरिष्ठ ट्रस्टी रामानुजलाल उपाध्याय, पद्मश्री डॉ अरुण कुमार दाबके और भारती बंधु सहित अनेक जनप्रतिनिधि भी शामिल हुए।
सब मनाएंगे माता कौशल्या का जन्मोत्सव
मुख्यमंत्री ने कहा, महंत राजेश्री रामसुंदर दास जी ने माता कौशल्या की जन्म तिथि के निर्धारण के लिए राष्ट्रीय स्तर प्रविष्टियां मंगाई हैं। जन्मतिथि बताने वाले को 11 लाख रूपए की राशि सम्मान स्वरूप प्रदान किया जाना है। मुख्यमंत्री ने कहा, माता कौशल्या की जन्मतिथि तय होने पर हम सब मिलकर उनका जन्मोत्सव मनाएंगे।