Hindi, asked by ajayrathor2010, 8 months ago

संस्कृति और जन संचार माध्यमों के
आपसी (पारस्परिक) संबंधों का विवेचन कीजिये।​

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Answered by bhatiamona
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संस्कृति और जन संचार माध्यमों के आपसी (पारस्परिक) संबंध:

प्राचीन समय में  कला के बाद जनसंचार के माध्यम से गीत, संगीत और नृत्य हुआ करते थे और हम अपनी संस्कृति को देख सकते है|

आज के समय में संस्कृति और जन संचार माध्यमों में आपसी (पारस्परिक) संबंध के कारण ही हम घर में बैठ के भी संस्कृति के बारे में पूरी जानकारी  प्राप्त कर सकते है| कं संचार के माध्यम से हमें अपने देश के भिन्न राज्य की संस्कृति को जान सकते है| साथ में दूसरों देखो की संस्कृति के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते है|

समाजों में सामूहिक नृत्य-गीत-संगीत की गतिविधियों से इस संदेश का संचार होता है इसलिए संस्कृति और जन संचार माध्यमआपस में गहरे जुड़े हुए हैं। यह तो सत्य है कि हम अपनी संस्कृति को संचार के माध्यम से ज्यादा नहीं जान सकते पर फिर भी काफी हद तक हम इसके माध्यम से जुड़े हुए है|

जन संचार माध्यम

रेडियो  , टेलीवीजन , इंटरनेट, ई-मेल  ,लैंडलाइन, मोबाइल फोन  , टेलीग्राम , पेजर , फैक्स

विडियो कालिंग  ,विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग  आदि की सहयता से हम अपनी संस्कृति को देख सकते है और जानकारी प्राप्त कर सकते है|

उदाहरण के लिए :

आकाशवाणी ने भारतीय कला वह संस्कृति के धारावाहिक दिखाए जाते थे|

दूरदर्शन ने भी नेहरू की 'द डिस्कवरी आफ इंडिया' पर आधारित 'भारत एक खोज' जैसा  धारावाहिक दिखाया था और इतिहास के बारे में बताया था|

दूरदर्शन  में ही 'रामायण' और 'महाभारत' धारावाहिकों  को दिखाया गया था| सुरभि , चित्रहार , सुखियाँ आदि से दर्शकों को परिचित करायाथा |

Answered by Anonymous
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Answer:

संस्कृति और जन संचार

Explanation:

भारत के संदर्भ में दोनों सत्य हैं और दोनों के आईने में हम भारतीय संस्कृति को समझ सकते हैं। प्राचीन काल में कला के बाद जनसंचार का माध्यम गीत, संगीत और नृत्य हुआ करते थे। आदिम समाजों में सामूहिक नृत्य-गीत-संगीत की गतिविधियों से इस संदेश का संचार होता था कि वे आपस में गहरे जुड़े हुए हैं।

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