संस्कृत साहित्य एवं कथा लिखत |
at least 300 words in Sanskrit language ✔
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संस्कृत भारत के साहित्यिक ,सांस्कृतिक ,धार्मिक ,आध्यात्मिक ,नैतिक ,राजनैतिक और ऐतिहासिक जीवन की व्यवस्था भी इसी भाषा में मिलती है | यह ग्रीक ,लैटिन ,जर्मन ,गोथिक आदि अनेक भारोपीय परिवार की भाषाओ की जननी है | भारत के सभी प्रांतीय भाषाओं मे संस्कृत शब्द प्राप्त होते है | यहां तक की बङ्ग्ला और दक्षिणभारत की सभी प्रान्तीय भाषाओं में अधिकांश शब्द संस्कृत भाषा के ही है
संस्कृत वेद से पूर्व भी रही होगी लेकिन उसका कोई प्रमाण हमारे पास अभी तक नहीं है। इस भाषा को बोलने वाले आर्य थे । आर्य किसी जाति विशेष का नाम नहीं है । यह शब्द श्रेष्ठमानव के लिए प्रयुक्त होता है । ऋग्वेद की तिथि निर्धारण करना अत्यधिक मुष्किल कार्य है किंतु फिर भी विद्वानों के अनुसार ईसापूर्व 3500ई . में सम्भवतः ऋग्वेद की रचन हुई होगा । संस्कृत के रूप में समय - समय परपरिवर्तन आए । त्रग्वेद की भाषा वैदिक संस्कृत है । वह संस्कृत से भिन्न है । वैदिक साहित्य के बाद अर्थात् रामायण की भाषा को लौकिक संस्कृत कहा जाता है । संस्कृत शब्द का प्रयोग भाषा विशेष के अर्थ में सर्वप्रथम रामायण में दिखाई देता है । सुन्दर काण्ड में हनुमान यह विचार करते हैं कि सीताजी से किस भाषा में वार्तालाप किया जाए । यदि संस्कृत भाषा में बात करूंगा तो सीता मुझे रावण समझ कर डर जायेंगी ।
यदि वाचं प्रदास्यामि द्विजातिरिव संस्कृताम् |
रावणं मन्यमाना मां सीता भीता भविष्यति । ।
" सुन्दरकाण्ड "