Hindi, asked by shahbindeepkhde, 1 year ago

५ संस्कृत श्लोक जल संरक्षणम् पर

Answers

Answered by VRAAA
247

जलम् जल स्थानगतिम्
सर्वथा एव रक्षणीयम् ।

जन्तूनां सुख जीवनं हेतु
जलस्य रक्षणम् नूनं भवतु।

निर्मलं जलं संपादनीयम्
जल संरक्षणम् अनिवार्यम्।

अभोजनेन  जीवितुम् भवेत्
विना जलं तु  सर्वं हि नश्येत्।

किंचित् जलमपि पीतम्
दाहं कष्टंं करोति दूरम् ।
शुष्कं तपनं  हाहाकारः
जल संरक्षणम् परिहारकः।।

Answered by JackelineCasarez
18

1). "अप्सु अन्तः अमृतम् अप्सु भेषजम् अपाम् उत प्रशस्तये, देवाः भवत वाजिनः"

2). "जलं हि प्राणिनः प्राणाः

जलं शस्यस्य जीवनम्।

न जलेन विना लोके

शस्यबीजं प्रजायते।।”

3). “सरस्वती सरयुः सिन्धुरुर्मिभिर्महो

महीरवसाना यन्तु वक्षणीः।

देवीरापो मातरः सूदमित्न्वो

घृत्वत्पयो मधुमन्नो अर्चत।।"

4). “यो वः शिवतमो रसस्तस्य भाजयतेह नः।

उशतीरिव मातरः।।”

5). “निर्जलेषु च देशेषु

खानयामासुरुत्तमान्।

उदपानान् बहुविधान्

वेदिकापरिमण्डितान्।।"

Explanation:

  • श्लोक को एक पद्य के रूप में परिभाषित किया गया है जिसमें एक कविता, एक गीत, या बाइबिल या कुरान का एक अध्याय विभाजित है।
  • श्लोक शब्द का अर्थ 'गीत' है, और यह मूल या 'सुन' से उत्पन्न हुआ है। श्लोक, जो ध्यान में एकाग्रता की सहायता के लिए दोहराए जाते हैं, इसकी उत्पत्ति वैदिक काल से हुई है।
  • अपने सामान्य रूप में इसमें चार पद या चौथाई-छंद होते हैं, प्रत्येक में 8 अक्षर होते हैं, प्रत्येक में 16 अक्षरों के दो अर्ध-छंद होते हैं।

Learn more: श्लोक

brainly.in/question/14905079

Similar questions