संस्कृत: दो न रे
शीर्षक: जि सांरक्षि पर ज गरूकत क सन्देश
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राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय हथीरा के प्रांगण में जल शक्ति कार्यक्रम के अंतर्गत जल ही जीवन है, इसे व्यर्थ न बर्बाद करें विषय पर जागरूकता रैली निकाली गई। विद्यार्थियों ने गांव में स्लोगनों व नारों के माध्यम से ग्रामीणों को जागरूक किया। विद्यार्थियों ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया कि जल को बचाना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि आज हम आवश्यकता से अधिक जल का दोहन कर रहे हैं। चाहे वो शौचालय में पानी की बर्बादी हो या फिर गलियों में लगे पंचायती सबमर्सिबल पंपों की जहां सारा दिन पानी व्यर्थ में ही बहता रहता है। जीवविज्ञान प्राध्यापक डॉ.तरसेम कौशिक ने बताया कि प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार जल शक्ति अभियान के अंतर्गत विद्यालय में जल संरक्षण हेतु विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जैसे पोस्टर मेकिग, वाद-विवाद, प्रश्नोत्तरी तथा जल संरक्षण जागरूकता रैली। उन्होंने कहा कि राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय हथीरा में प्राचार्या संतोष शर्मा के दिशा-निर्देशन में वर्षा जल संचयन यंत्र भी स्थापित किया गया ताकि वर्षा के जल का संचयन किया जा सके। उन्होंने कहा कि आज जल को संरक्षित करना परम आवश्यक है, क्योंकि पृथ्वी पर पीने योग्य मिठास पानी मात्र 2.5-3 प्रतिशत है बाकि सारा जल खारा है, जिसका इस्तेमाल घरेलू जरूरतों के लिए नहीं किया जा सकता। हालांकि जल एक नवीकरणीय प्राकृतिक स्त्रोत है जिसका पुन:चक्रण किया जा सकता है। डॉ.कौशिक ने कहा कि जल का संरक्षण बहुत ही छोटे-छोटे उपायों से किया जा सकता है, जैसे टूथ ब्रश करते समय टूंटी को बंद रखें, नहाते समय बाल्टी का इस्तेमाल, घर व कार की सफाई में पानी का कम से कम उपयोग, प्रत्येक घर में वर्षा जल संचयन टैंकों का निर्माण, गांवों में तालाबों की खुदाई, शौचालयों में पानी की कम से कम खपत तथा वृक्षारोपण। इस अवसर पर डॉ.गुरचरण, बंसीलाल, डॉ.तरसेम कौशिक, टिक्का सिंह, रघबीर कौशिक, भीम सिंह, रंजोत वत्स, ओमदत्त, कैलाश नाथ, नरेश कुमार, सुभाष राणा, निरुपमा, पूनम, रेणु, रामदिया, सीमा, राजकुमार, स्वर्ण सिंह व संजय उपस्थित रहे।
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संस्कृत: दो न रे
शीर्षक: जि सांरक्षि पर ज गरूकत क सन्देश
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संस्कृत: दो न रे
शीर्षक: जि सांरक्षि पर ज गरूकत क सन्देश