"संस्कृति वह जटिल समग्रता है जिसमें ज्ञान, विश्वास, कला, आचार, कानून, प्रथा और ऐसी ही अन्य क्षमताओं और आदतों का समावेश रहता है, जिन्हें मनुष्य समाज के सदस्य के नाते प्राप्त करता है" यह परिभाषा किस समाजशास्त्री की है?
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प्रश्न में उपर्युक्त परिभाषा महात्मा गांधी द्वारा रची गई है।
परिभाषा का घटन:
- संस्कृति जो मानव द्वारा रअछि है और माना संस्कृति में पनपता है।
- संस्कृति मानवो को जोड़ कर रखता है।
- संस्कृति से देश की शान बनती या बिगड़ती है।
महात्मा गांधीजी के बारे में:
- गांधी जी राजनितिक नेता के साथ साथ समाजशास्त्री भी रह चुके है।
- अपनी उच्चशिक्षा का जातां करके उन्होंने कई किताबे भी लिखी है।
- उन्होंने अपने दम पर देश के लिए कार्यरत रहे है।
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