India Languages, asked by sohadesai1304, 2 months ago

संस्कृतभाषायां केषाम् मतिः अस्ति ?


     

महापुरुषाणाम्


     

अधमपुरुषाणाम्


     

मध्यमपुरुषाणाम्


     उन्मत्तानाम्

Answers

Answered by ritika2838
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Explanation:

हिन्दी अनुवाद – भारवि का पिता पुत्र के काव्य यश से मन में अत्यन्त प्रसन्न और सन्तुष्ट था। तब भी वाणी से भारवि की प्रशंसा नहीं करता था। बल्कि वह कभी-कभी उसके पाण्डित्य की आलोचना करता था। इससे भारवि चिन्तित और खिन्न होता था। एक बार उसके पिता ने कविता सुनकर राज्यसभा में ही आलोचना की और तिरस्कार किया। उस अपमान से भारवि पिता से अत्यधिक नाराज और उद्विग्न हुआ। उसे चिन्ता से रात्रि भर नींद नहीं आई (अर्थात् सोया नहीं)। घर से इधर-उधर घूमते (UPBoardSolutions.com) हुए वह रात्रि में कुछ समय, तक पिता के कमरे से बाहर रहा। तब अपने विषय में माता-पिता का वार्तालाप सुना। “हमारा पुत्र महाकवि और महापण्डित है। उसका यश निरन्तर बढ़ रहा है। वह समाज में हमारा गौरव स्थापित करता है। किन्तु वह और अधिक कवित्व और यश प्राप्त करे, ऐसा विचार करके सभा में आज मेरे द्वारा उसका तिरस्कार किया गया।”


sohadesai1304: Out of the options which one☺️
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