Hindi, asked by ankitbohare18, 4 hours ago

संस्मरण का आशय स्पष्ट करते हुए मेरे सहयात्री नामक सस्मरण का सारांश लिखिए​

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Answered by shishir303
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संस्मरण से तात्पर्य लेखक या किसी प्रसिद्ध व्यक्ति के जीवन में घटित घटनाओं और उस घटना से प्राप्त अनुभवों को प्रस्तुत करने से है। संस्मरण जीवन में घटित सच्ची घटनाओं पर आधारित होते हैं। इसमें काल्पनिकता नहीं होती। संस्मरण अक्सर किसी विशिष्ट व्यक्ति या लेखक के स्वयं के जीवन से संबंधित होते हैं।

‘मेरे यात्री’ यात्रा वृतांत अमृतलाल वेंगड़ द्वारा लिखा गया यात्रा वृतांत है। अमृतलाल वेंगड़ हिंदी और गुजराती भाषा के प्रसिद्ध साहित्यकार थे।  ‘मेरे सहयात्री’ यात्रा वृतांत भी उन्होंने नर्मदा की अपनी यात्रा के विषय में लिखा था और इस यात्रा वृतांत में उन्होंने नर्मदा के सौंदर्य और उसकी परिक्रमा का अभूतपूर्व वर्णन किया है। इस यात्रा वृतांत में उन्होंने अपनी प्रिय नदी नर्मदा की परिक्रमा का सजीव चित्रण किया है। उन्होंने किसी वृद्ध व्यक्ति की साहसिक यात्रा का वर्णन पढ़ा था। इस बात से प्रेरणा लेकर उन्होंने भी नर्मदा नदी की परिक्रमा करने का निश्चय किया और अपने इस संकल्प को उन्होंने सफलतापूर्वक पूरा किया। उन्होंने अपनी पहली नर्मदा यात्रा के 25 वर्ष पूरे करने व अपने जीवन के प्रति वर्ष 75 में वर्ष की पूर्णता पर उन्होंने अपनी इस संपूर्ण यात्रा का वर्णन इस यात्रा वृतांत के माध्यम से किया है।

मेरे सहयात्री यात्रा वृतांत में लेखक अमृतलाल वेगड़ ने जिन सहयात्रियों का उल्लेख किया है। उनमें लेखक की पत्नी कांता, लेखक के पुत्र का सहपाठी अशोक तिवारी, मुंबई से आए 4 लोग 64 वर्ष के रमेश शाह,  64 वर्ष की हंसा, 36 वर्ष के उनके पुत्र संजय तथा 56 वर्ष के उनके मित्र गार्गी देसाई थे। इसके अलावा दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल से डॉक्टर अखिल मिश्रा, अरविंद गुरु तथा उनकी पत्नी मंजरी भी आए थे। इसके अतिरिक्त फगनू, घनश्याम और गरीबा नामक तीन लोग लेखक के सहायक के रूप में लेखक के सहयात्री बने।

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